अध्याय 63: मैं आपसे मिलने आऊंगा

रात में, नौका धीरे-धीरे नदी पर चल रही थी, अपने पीछे गहरे पानी के निशान छोड़ती हुई।

"आज तुम्हें क्या हो गया है? तुम बहुत विचलित लग रही हो।" लिली डेक की रेलिंग पर झुकी, मोनिका की तरफ मुड़ते हुए बोली।

नौका की रोशनी नदी की सतह पर चमक रही थी, जिससे झिलमिलाती लहरें बन रही थीं।

मोनिका की नजरें पानी की सतह ...

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