अध्याय 115 उसकी प्रतिक्रियाओं का परीक्षण करें

निकोल का शरीर कांप उठा जब कई बार गर्म वीर्य की धाराएं उसकी गर्भाशय की दीवारों पर छिड़क गईं।

"आह!" निकोल ने अपनी आँखें चौड़ी कर लीं, उसका शरीर गर्मी से उछल पड़ा।

उसकी मधुर सिलवटें कस गईं और मरोड़ने लगीं, लेकिन उसने आवाज़ करने की हिम्मत नहीं की। वह केवल अपना मुँह ढक सकती थी, पूरी तरह से कांपते हुए, और...

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