अध्याय 126 आत्म-भोग का क्षण

निकोल को यह नापसंद नहीं था; वह बस अभिभूत थी और अपनी सांसें नहीं रोक पा रही थी। रॉबर्ट ने धीरे से हंसते हुए उसे अपनी बाहों में लिया और तकिए पर लेट गया, उसकी ओर देखते हुए।

निकोल ने उसके आलिंगन से खुद को उठाया और कुछ पल के लिए उसे खाली निगाहों से देखा, फिर अपना सिर झुकाकर उसके होंठों को चूम लिया। उसे ऐ...

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