अध्याय 547 कल्पना

कैरोलाइन पूरी तरह से स्तब्ध थी, जैसे उसके दिमाग में आतिशबाज़ी का एक गुच्छा फट गया हो।

उसकी आँखें चौड़ी हो गईं, उसने अपने होंठों पर नरम, गर्म स्पर्श महसूस किया।

निकोलस पीछे हट गया, दिखने में अनिच्छुक।

उसकी प्यारी, स्तब्ध दिखावट देखकर, निकोलस मुस्कुराए बिना नहीं रह सका।

पहली बार जब उसने उसे चूमा थ...

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