अध्याय 35

लियो...वर्तमान...

एशर के शब्द मेरी बातचीत के बाद भी मेरे मन में गूंजते रहे, जिससे पूरे क्लास के दौरान मेरे शिक्षक की बातों पर ध्यान देना मुश्किल हो गया। मुझे मूर्ख जैसा महसूस हो रहा था! मुझे एम्मा से मिलना था और उसके साथ सब कुछ ठीक करना था। यह सोचकर ही मुझे सहन नहीं हो रहा था कि वह यह विश्वास क...

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