129 — दो पंक्तियां...

जब जूलियन ने मुझसे कहा कि मुझे घर पर रहकर आराम करना चाहिए, तो मैंने राहत की एक गहरी सांस ली, लेकिन जैसे-जैसे घंटे बीतते गए, मेरी चिंता बढ़ती गई। जूलियन के शब्द मुझे परेशान कर रहे थे, खासकर जब वह गर्म चाय लेकर बिस्तर पर लौटे, जो मेरे पेट, मेरी नसों और मेरे दिमाग को शांत कर रही थी। हालांकि, यह शांति ज...

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