166 — जूलियन एडम्स (पीओवी)

मैं अपनी आँखें नहीं खोल पा रहा हूँ। हर छोटी सी हरकत मेरी सारी ताकत निचोड़ लेती है। मैं रोना चाहता हूँ। मैं बहुत निराश, बहुत डरा हुआ हूँ, लेकिन मैं अपनी आँखें नहीं खोल पा रहा हूँ।

क्या हो रहा है?

पेट्रोल की गंध इतनी तेज़ है कि मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सब कुछ अंधेरा है क्योंकि मैं अपनी भार...

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