अध्याय 201

काइलन

वायलेट तुरंत ही खिल उठी। "क्या तुम सच में सोचते हो कि मैं परफेक्ट दिख रही हूँ?"

"हाँ...लेकिन—"

उसकी मुस्कान फिर से फीकी पड़ गई।

"मुझे चिंता है कि तुम खुद पर गिर सकती हो," मैंने थोड़ा नरम आवाज में कहा। "तुम बमुश्किल खुद को खड़ा रख पा रही थी।"

"हूँ?" वायलेट ने अपना सिर झुकाया, आँखें थोड...

लॉगिन करें और पढ़ना जारी रखें