अध्याय 68

उस हफ्ते मैं हर दिन जल्दी उठता था। वे आ रहे थे और हमारे योद्धाओं को यह समझने का समय आ गया था कि हमारे झुंड के लिए लड़ने का क्या मतलब होता है।

मैंने उन्हें हर सुबह पांच मील दौड़ाया और फिर हम मल्लयुद्ध करते। मैंने उन्हें तीरंदाजी, तलवारबाजी का अभ्यास कराया। मैंने उन्हें अपने कोर, बाहों और पैरों का व्...

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